मानव जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। मानसिक स्वास्थ्य मानव जीवन की गुणवत्ता, समृद्धि और सुख-शांति की कुंजी होती है। मानव मन की स्थिति, विचार और भावनाएं मानसिक स्वास्थ्य का प्रतिबिंब होती हैं मानसिक स्वास्थ्य क्या है, इसका सटीक परिभाषण न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के साथ जुड़ता है, बल्कि यह व्यक्ति के अंतरात्मा की स्थिति, उसके भावनाओं की पुष्टि और सकारात्मकता के साथ संबंधित है।

आजकल की जीवनशैली में तेजी से बदलते परिवेश, पेशेवर दबावों, व्यक्तिगत संबंधों में असमंजसता और आर्थिक चिंताओं व मोबाईल व कमप्युटर जैसे आधुनिक उपकरणों के अधिक उपयोग के कारण, अधिकांश लोग तनाव, उदासीनता, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। यह सभी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने के कारण बनते हैं। तनाव, चिंता और अवसाद की स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य को प्रबल आघात पहुँचता है।

तनाव :- एक मानसिक और शारीरिक प्रतिक्रिया है जो हम अद्यतन और अनुकरण करते हैं, जब हमारे पास जीवन में किसी तरह का प्रचंड या नकारात्मक स्थिति आती है। यह स्थिति विभिन्न स्तरों पर हो सकती है, जैसे कि पर्याप्त समय की कमी, संबंधों की कठिनाइयाँ आदि। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं जिनसे तनाव मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है।

अवसाद और चिंता :- अधिक तनाव से व्यक्ति में अवसाद और चिंता की स्थिति हो सकती है। यह स्थिति उनके जीवन के सभी क्षेत्रों में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है और सामाजिक संबंधों, काम, पारिवारिक संबंधों आदि में दिक्कत पैदा कर सकती है।

शारीरिक समस्याएँ :- अधिक तनाव से शारीरिक समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि दिल की बीमारियाँ, मोटापा, डायबिटीज, इम्यून सिस्टम की कमजोरी आदि।

नीदं की समस्याएँ :- तनाव से ग्रस्त व्यक्तियों के पास नींद की समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि इंसोम्निया (नींद न आना)। यह उनके दिनचर्या को प्रभावित करके उनकी सामान्य दिनचर्या को भंग कर सकता है।

उच्च रक्तचाप :- तनाव के कारण रक्तचाप में बढ़ोतरी हो सकती है, जो कि हृदय संबंधित समस्याओं का कारण बन सकती है।

सिरदर्द :- विभिन्न अध्ययनों में दिखाया गया है कि तनाव सिरदर्द का कारण बन सकता है, जिसमें सिर, चेहरा, या गर्दन में दर्द हो सकता है। 

बार-बार बीमार होना :- यदि कोई व्यक्ति लगातार अन्य बीमारियों से जूझ रहा है तो तनाव इसके पीछे का कारण हो सकता है। तनाव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

पाचन संबंधी समस्याएँ :- कुछ अध्ययन सुझाव देते हैं कि तनाव पाचन समस्याओं के साथ जुड़ सकता है जैसे कब्ज, सीने में जलन, दस्त और अन्य पाचन विकार।

भूख में बदलाव और वजन बढ़ना :- तनावपूर्ण समय के दौरान, भूख में परिवर्तन हो सकता है व वजन बढ़ सकता है।

तेज दिल की धड़कन :- उच्च तनाव का स्तर दिल की धड़कन को तेज कर सकता है और हृदय गति को बढ़ा सकता है।

अत्यधिक पसीना आना :- तनाव के कारण अत्यधिक पसीना आ सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए तनाव प्रबंधन करने के कई तरीके होते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं जिनका अनुसरण करके तनाव को सही तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है।

योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रशिक्षण है जिसमें आसन, प्राणायाम, ध्यान आदि शामिल होते हैं। योगासन और प्राणायाम के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्थिरता प्राप्त की जा सकती है। त्राटक व अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी, और भस्त्रिका प्राणायाम तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं शीर्षासन (Headstand), वृक्षासन (Tree Pose), भुजंगासन (Cobra Pose), शवासन (Corpse Pose), और बालासन (Child’s Pose), ध्यान, व योगनिद्रा तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करते है। मेडिटेशन भी मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए एक प्रमुख तरीका है, जिसमें मन को शांत करने और उसे एकाग्रता में लाने का प्रयास किया जाता है। मेडिटेशन की भूमिका कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में होती है। मेडिटेशन के माध्यम से हम अपने मन को शांत करते हैं और मानसिक अशांति को कम करते हैं। यह अंतर्गत चिंता और उत्तेजना को कम करके मानसिक स्थिति को सुधारता है मेडिटेशन के अभ्यास से हम अपने मन को स्थिर और एकाग्र रखने की क्षमता को विकसित करते हैं।

स्वस्थ आहार

मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही आहार का चयन करना महत्वपूर्ण है। सही पौष्टिक आहार खाने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। आहार में फल, सब्जियाँ, पूरी अनाज, प्रोटीन और पौष्टिक तेल को शामिल करें। 

अदरक और हल्दी का सेवन, पर्याप्त पानी पीना, आहार में सही प्रमाण में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, और आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स का होना व मस्टर्ड, सलमन, और चिया बीज जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

समय प्रबंधन

मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए समय प्रबंधन एक महत्वपूर्ण कौशल है।

अपने प्राथमिकताओं का निर्धारण करें – सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को पहचानें और उन्हें पूरा करने के लिए समय दें।

सटीक योजना तैयार करें – एक दिन, सप्ताह, या महीने की सटीक योजना तैयार करें। इसमें कार्यक्रम और मीटिंग्स का समय शामिल होना चाहिए।

समय के खिलाफ ना बदलें – अपनी योजना के अनुसार समय का पालन करने का प्रयास करें और समय को बिना किसी आवश्यक कारण के न बदलें।

आलस्य को दूर करें – अपने कार्य को आलस्य से करने से बचें। आपके कार्य में जोश और निष्ठा बनाए रखने के लिए प्रयास करें।

संवाद और समर्थन – परिवार और दोस्तों से मदद और समर्थन प्राप्त करें।

स्वतंत्रा वक्त और मनोरंजन – समय प्रबंधन के बावजूद, स्वतंत्र समय और मनोरंजन के लिए समय निकालें।

विफलता का सामना करें – कभी-कभी योजनाएं असफल हो सकती हैं। ऐसे समय पर आत्म-समर्पण और सुधारने की क्षमता रखनी चाहिए, नकारात्मक नहीं होनी चाहिए।

सोने की पर्याप्त मात्रा – नींद मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होती है। यह मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने और बनाए रखने में मदद करती है। नींद की कमी या अच्छी नींद का अभाव कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि डिप्रेशन, तनाव, और चिंता। हर रात समय पर सोने और उठने का एक नियमित पैटर्न बनाएं। अच्छी नींद क्रियाशीलता और कामयाबी में मदद करती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।नींद के समय टेलीविजन, स्मार्टफोन, और कंप्यूंटर का उपयोग कम करें क्योंकि इनके इंटरफेरेंस से नींद पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

विश्राम और मनोरंजन – दिनचर्या में विश्राम का समय और मनोरंजन का समय भी जरूरी है। अपनी पसंदीदा गतिविधियों में समय बिताना, किताब पढ़ना, म्यूजिक सुनना, फोटोग्राफी करना, यात्रा करना, या कुछ आपकी पसंद का कार्य – ये सभी मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

सहायता मांगना – अगर ऐसा लगता है कि तनाव आपके स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रहा है, तो हाथ में लेने में कोई शरम नहीं है। चिकित्सक से सहायता मांगना सही हो सकता है और इससे उचित तरीके से मानसिक स्वास्थ्य को प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है

मानसिक स्वास्थ्य में तनाव प्रबंधन एक कुंजी है जो हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से का हिस्सा है। तनाव हमारे दिनचर्या में आने वाले प्रमुख बदलावों के साथ हो सकता है, और इसके परिणामस्वरूप हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह आपके दिमाग, शारीरिक स्वास्थ्य, और सामाजिक संबंधों पर बुरा असर डाल सकता है। तनाव प्रबंधन के लिए ध्यान, मेडिटेशन, योग, व्यायाम, सही आहार, संबंधों का मानवीय और सहायक तरीके से देखना महत्वपूर्ण है। इन तकनीकों का प्रयास करने से हम तनाव को कम कर सकते हैं और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं, जिससे हमारा जीवन सुखमय और सकारात्मक बनता है।

डॉ. अनिता हेमनानी
राजकुमार केवलरामानी 
कन्या महाविद्यालय, नागपुर

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