परिचय

‘पहला सुख निरोगी काया‘ अर्थात स्वस्थ शरीर जीवन का प्रथम सुख है। शरीर स्वस्थ है तो जीवन में उद्देश्य प्राप्ति आसान व सफल होती है। हमारी प्राचीन धरोहर आयुर्वेद शास्त्र में स्वास्थ्य प्राप्ति के अनेक गूढ़ रहस्य छिपे है। इसमें दिए गए सूत्रों का पालन कर व्यक्ति शतायु से अधिक जीवनयापन कर सकता है। ऐसी आयुर्वेद व स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लोगों तक पहुंचाना ही स्वास्थ्य वाटिका का उद्देश्य है।

आज से 19 वर्ष पूर्व हमने स्वास्थ्य वाटिका की कल्पना की। ऐसी वाटिका रूपी पत्रिका जिसमें स्वास्थ्य संबंधी पूर्ण जानकारी हो। इस कल्पना को साकार रूप ऑक्टोबर 2005 को प्राप्त हुआ। इसके प्रथम अंक का विमोचन बैद्यनाथ के प्रबंध संचालक श्री सुरेश शर्मा के हस्ते हुआ। अप्रैल 2024 तक इसके 66 अंक प्रकाशित हो चुके है।

पाठकों के अपार स्नेह व शुभकामनाओं की वजह से ‘स्वास्थ्य वाटिका‘ ने सफलतम 19 वर्ष पूर्ण किए हैं और इसे दिनोंदिन उत्तम प्रतिसाद मिल रहा है। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व स्वास्थ्य संबंधी जानकारी जन-जन तक पहुंचाना ही इसका एकमात्र उद्देश्य है।

यह पत्रिका उत्कृष्ट पारिवारिक व स्वास्थ्य से संबंधित है, जिसमें अध्यात्म, ऋतुचर्या, व्याधि विमर्श, नारी स्वास्थ्य एंव सौंदर्य, वनौषधि, घरेलू उपचार, बाल रोग, युवा समस्याएं, योग, पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा, व्यक्तित्व विकास, वास्तु, ज्योतिष इत्यादि जीवन से जुड़े हर पहलू का विचार किया गया है। वस्तुतः यह परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए पठनीय व संग्रहणीय है। स्वास्थ्य वाटिका पूर्णतः बहुरंगी है, जिसके वर्तमान में 1 लाख से अधिक पाठक गण है। यह पत्रिका देश के सभी प्रमुख बुक स्टॉल्स पर उपलब्ध है। इसके अलावा देश भर में पत्रिका के हजारों सदस्य है।

स्वास्थ्य वाटिका को प्रारंभ से ही उत्तम प्रतिसाद मिल रहा है। पर आज के Digitalisation के युग में इसकी मांग online होने के कारण हाल ही में केबिनेट मिनिस्टर श्री नितिन गड़करी के हस्ते विमोचन हुआ।

पाठकों के अलावा देश की अनेक ख्यातिप्राप्त हस्तियों ने इसे सराहा है। जैसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, श्री लालकृष्ण आडवानी, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस व शिवराज चैहान, केंद्रीय मंत्री सर्वश्री नितिन गड़करी, राजनाथ सिंग, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, वैंकेया नायडु, मुरली मनोहर जोशी, एस एस आहलूवालिया, नजमा हेपत्तुल्ला, अंतर्राष्ट्रीय गुरबाणी कीर्तनकार भाई चमनजीत सिंघ, राष्ट्रसंत तरूणसागर महाराज, योगगुरू रामदेव बाबा, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ इत्यादि।

इस पत्रिका ने मार्गदर्शक अधि. माधवदास ममतानी के आशीर्वाद से पूरे देश में एक अलग पहचान बनाई है। पत्रिका के प्रबंध संपादक डॉ. जी. एम. ममतानी (MD) व डॉ. अंजू ममतानी (BAMS) है जो पत्रिका के कुशल संपादन के साथ विगत 33 वर्षों से आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा कर रहे हैं। डॉ. ममतानी दंपति के इस कार्य में उनके पुत्र डॉ. हरकिशन ममतानी (MBBS, MD-Psychiatry) व पुत्रवधु डॉ. निधि ममतानी (MBBS, MS (Opthalmology) संपादक का कार्यभार संभाल रहे हैं।

डॉ. ममतानी द्वारा संचालित नागपुर स्थित जीकुमार आरोग्यधाम के द्वारा मध्य भारत के हजारों असाध्य रूग्ण लाभान्वित हो रहे हैं। जिसकी विस्तृत जानकारी उनकी वेबसाइट www.mamtaniayurveda.com से प्राप्त कर सकते हैं।

पाठकों से निवेदन है कि समाज स्वास्थ्य हेतु इसका लाभ उठाएं व अपनी प्रतिक्रियाएं अवश्य दें। कृपया अधिकाधिक लोगों को इस पत्रिका का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।

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