जीकुमार आरोग्यधाम में विगत 34 वर्षों से हॉस्पीटल स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा हैं । यहां अनेक असाध्य रोगों से ग्रस्त रूग्ण आते है। जिन्हें ऑपरेशन के लिए बताया गया वे बिना ऑपरेशन के ठीक हुए है। इनमें से कई रूग्ण है जिन्हें लाभान्वित रूग्णों ने यहां की जानकारी दी और कुछ ऐसे रुग्ण है जिन्हें यहां पहले आराम हुआ है पुनः दूसरी तकलीफ होने पर वे सीधा यहां उपचार के लिए आए हैं। इस प्रकार का अट्टू विश्वास है रूग्णों का जीकुमार आरोग्यधाम पर। उनमें से कुछ ऐसे रूग्ण जो हाल ही में यहां से लाभान्वित हुए हैं, ऐसे रुग्णों की कहानी जानिए उनकी जुबानी –

लकवा 
मैं राजू काटोले, जयताळा निवासी, नागपुर से हूं। 2012 में मुझे बायें हाथ पैर तथा मुंह का लकवा हुआ था। मैं बातचीत भी नहीं कर पा रहा था। एलोपैथिक हॉस्पिटल में उपचार करने पर आराम नहीं हुआ। मेरे रिश्तेदार श्री वामन काकड़े ने मुझे जीकुमार आरोग्यधाम की जानकारी दी। डॉ. ममतानी के जीकुमार आरोग्यधाम में उपचार लेने से 6 माह में मुंह का लकवा ठीक हो गया। इस हेतु मैं डॉ. ममतानी का हृदय से आभारी हूं। मुझे कल 5 जुलाई 2024 को दाहिने पैर में चीटियां आने लगी अर्थात दाहिनी बाजू सुन्न हो गया है। तब मैं इधर-उधर न जाकर सीधा डॉ. ममतानी के हॉस्पिटल में आया हूं। मुझे यह विश्वास है कि मेरा लकवा यहां अवश्य ठीक होगा अतः जिन्हें भी लकवे की तकलीफ हैं वे डॉ. ममतानी के जीकुमार आरोग्यधाम में एक बार जरूर आए।

Raju Katole

राजू काटोले,  नागपुर
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गठियावात, फ्रोजन शोल्डर व स्पाण्डीलोसिस
मैं अशोक महादेवराव बावनगड़े सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक रामटेक से हूं। मुझे संधियों में दर्द, हाथ पैर में सूजन, कंधे में दर्द (Frozen Shoulder) गर्दन में दर्द (Cervical Spondylosis) व घुटने में दर्द था। चलते समय बहुत तकलीफ होती थी। जीवन से निराश हो चुका था। मैंने जीकुमार आरोग्यधाम आयुर्वेदिक पंचकर्म हॉस्पीटल का नाम बहुत लोगों से सुना था। अतः उपचार हेतु मैं जीकुमार आरोग्यधाम में आया। उस समय मेरी खून की जांच करने पर R.A. factor 118 Iu/ml था। तब मुझे पता चला कि मैं गठियावात (Rheumatoid Arthritis) से ग्रस्त हूं। हिमोग्लोबीन भी कम था। डॉ. ममतानी ने मुझे सर्वप्रथम पंचकर्म व्दारा शरीर शुद्धि करने की सलाह दी। मैंने भी जीकुमार आरोग्यधाम में भरती होकर 7 दिन पंचकर्म किया। पंचकर्म, फिजियोथेरेपी, योगोपचार करने से मुझे काफी आराम हुआ। इसके पूर्व बहुत दवाइयां खाकर मुझे एसिडिटी, कब्ज, पैरो में जलन व बवासीर हो गया था। ये तकलीफें भी पंचकर्म से ठीक हो गई। शरीर शुद्धि के पश्चात डॉ. साहेब ने मुझे औषधि दी। 6 महीने में ही मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया। मेरा R.A. factor 118 से 16 हो गया। जीकुमार आरोग्यधाम के उपचार पध्दति से मैं काफी संतुष्ट हूं। यहां के कर्मचारी भी सेवाभावी हैं। मुझे जीने की नई उम्मीद प्रदान करने के लिए डॉ. ममतानी का मैं आभार मानता हूं।

Ashok Mahadevrav Bawangade Ramtek

अशोक महादेवराव बावनगड़े,  रामटेक
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सोरिएसिस, लंबर स्पाण्डीलोसिस, फ्रोजन शोल्डर
मैं 2003 में लंबर स्पाण्डीलोसिस से ग्रस्त था। कमर से पैरों तक तीव्र वेदना व झुनझुनी होती थी। डॉक्टरों ने मुझे ऑपरेशन की सलाह दी लेकिन ऑपरेशन से रोग पूरी तरह ठीक नहीं होता है ऐसा इस बीमारी से पीड़ित रूग्णों ने अपना अनुभव बताया था। जीकुमार आरोग्यधाम से लाभान्वित रूग्ण ने बताया कि यहां बिना आॅपरेशन से स्पाइन समस्या का इलाज होता है और दूसरे ही दिन मैं जीकुमार आरोग्यधाम में उपचार के लिए आया। मुझे डॉक्टर साहेब ने 6 माह औषधोपचार की सलाह दी। 6 माह औषधि लेने पर मेरा कमर दर्द, पैरों का दर्द व झुनझुनी एकदम ठीक हो गई। 

9 अप्रैल 2019 को मैं फिर जीकुमार आरोगधाम आया क्योंकि मुझे फ्रोजन शोल्डर, घुटने का दर्द व आस्टीओपोरोसिस की तकलीफें प्रारंभ हुई। दाहिना हाथ ऊपर नहीं कर सकता था। मैं 10 जुलाई से 19 जुलाई 2019 तक जीकुमार आरोग्यधाम में पंचकर्म के लिए भर्ती हुआ था। पंचकर्म करने के बाद औषधि शीघ्र काम करती है व रोगी को शीघ्र लाभ होता है ऐसा मुझे अनुभव मिला।  6 माह औषधि व पंचकर्म से मेरा घुटना, कंधा एकदम ठीक हो गया। 

दिसंबर 2023 को एक्ज़िमा व सोरिएसिस की वजह से मैं शरीर में खुजली व चट्टे से परेशान था। तब फिर मैं जीकुमार आरोग्यधाम में आया, तब से मेरी औषधि चालू है। अभी करीब 80 प्रतिशत मेरी बीमारी ठीक है।

डॉ. ममतानी अत्यंत प्रेम पूर्वक व्यवस्थित उपचार करते हैं। यहां का स्टाफ भी बहुत सहयोगी है। रूग्णों के प्रति उनका व्यवहार काफी अच्छा है। मेरा कहना है कि रोग होने पर प्रत्येक व्यक्ति ने शुरूवात में ही आयुर्वेदिक औषधि लेना चाहिए।

हरिश्चंद्र ढेंगरे ,  रामटेक
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फ्रोजन शोल्डर (कंधे की जकड़ाहट), स्लिप डिस्क  स्पाण्डीलाइटिस में हुआ आराम
नागपुर के पारडी निवासी श्री पुरूषोत्तम जामगड़े उम्र 66 वर्ष पिछले 2-3 वर्षो से कंधे में तीव्र दर्द के कारण हाथ भी ऊपर नहीं उठा पा रहे थे। डॉक्टर ने इसे फ्रोजन शोल्डर निदान किया व साथ में ही दोनों हाथ-पैर में झुनझुनी, जलन, तीव्र वेदना व जकड़न होती थी। कंधे व हाथ-पैर में वात रोग होने के कारण शरीर अपंग सा हो गया था। चलने-फिरने में तकलीफ होती थी। कई आर्थोपेडिक डॉक्टर को दिखाया व MRI कराने पर मालूम हुआ कि सर्वाइकल व लंबर स्पाइन में डिजेनेरेशन व दोनों रीढ़ की हड्डी के बीच की गद्दी (डिस्क) कई जगह से सरक गई थी (Slip Disk) जिसके कारण नसें (Nerve)दब व सिकुड़ जाने से (Narrowing) चलने फिरने में असमर्थ था। हड्डी के डॉक्टर ने कई औषधियां अदला बदला कर दी फिर भी आराम नही पड़ रहा था। उन्होंने कहा तुम्हें ऐसे ही दर्द रहेगा व दर्द के लिए ज्यादा पेनकिलर नहीं खाना चाहिए। साथ ही मालिश व पंचकर्म नहीं करने की सलाह दी। अतः रोगी यह सब सुनकर हताश व निराश हो गया था। पीड़ित रूग्ण ने एक दिन डॉ. ममतानी का वात रोग में प्रभावी आयुर्वेद उपचार का इंटरव्यू पढ़ा तब उम्मीद के साथ वे 1 माह पूर्व जरीपटका नागपुर स्थित जीकुमार आरोग्यधाम में आए।

डॉ. ममतानी ने बताया कि उपरोक्त रोगी को हमने जीकुमार आरोग्यधाम में भर्ती किया। उसे आयुर्वेदिक औषधियां व पंचकर्म के अंतर्गत कटि-ग्रीवाधारा, पिंड स्वेद, बस्ति कर्म किया साथ ही फिजिओथेरेपी व योगोपचार भी किया। रूग्ण को आशातीत आराम मिल गया। 15-20 दिन में ही रूग्ण को 75 प्रतिशत लाभ हुआ, अभी फ्रोजन शोल्डर की वजह से जो बायां हाथ उपर नहीं उठता था वह उठने लगा व चलने फिरने मे भी झुनझुनी, दर्द, जकड़न व जलन भी कम हो गई।

ऐसे अनेक वात रोग पीड़ित रूग्ण जैसे संधिवात, आमवात, गाउट, स्पाण्डीलाइटिस, आस्टीओ आर्थराइटिस, स्लिप डिस्क, साइटिका, लकवा, स्नायुपीड़ा, मस्कूलर डिस्ट्राफी, हिप ज्वाईंट का ए. वी. एन. (A.V.N. of Hip Joint) आदि इधर उधर भटक कर दर्द निवारक, स्टेरॉइड औषधियां खाकर तात्कालिक लाभ तो पा रहे हैं लेकिन इन दवाओं के साइडइफेक्ट अलग से उन्हें झेलने पड़ रहे हैं। अतः आराम न पड़ने पर विवश होकर उन्हें “ऑपरेशन” की सलाह दी जाती हैं। अपने 34 वर्षों का अनुभव साझा करते हुए डॉ. ममतानी ने बताया कि ऐसे हजारों रूग्ण जो कहीं से ठीक नहीं हो रहे हैं और अधिकांश लोगों को ऑपरेशन की सलाह दी गई है वे हमारे जीकुमार आरोग्यधाम के ‘संधिवात केअर सेंटर’ में राहत पा रहे हैं। 

पुरुषोत्तम जामगड़े,  नागपुर
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Got Relief from Rheumatoid arthritis, Cervical Spondylosis and frozen Shoulder at GKumar Arogyadham

Rheumatoid arthritis, Cervical Spondylosis aur frozen Shoulder men hua aram.

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Relief from Eczema, Psoriasis, Lumbar Spondylosis, Frozen Shoulder and Osteoporosis

Patients suffering from many incurable diseases are benefited from Gikumar Arogyadham. One of them, Shri Harishchandra Dhengre’s problem is narrated in his own words)

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Shri Nitin Gadkari and Shri Shankar Lalwani sent their wishes for our initiative 'Manoved'

Hon’ble Governor of Punjab Shri Banwarilal Purohit Ji inaugurated ‘Manoved’- Integrated Mental Health Unit at G Kumar Arogyadham, Nagpur.

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