नागपुर में जरीपटका, गुरू हरक्रिशन देव मार्ग स्थित जीकुमार आरोग्यधाम में 22 ऑक्टोबर 2022 को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस व धन्वंतरि जयंती विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों सहित सोल्लास मनायी गयी। इस अवसर पर श्री कलगीधर सत्संग मंडल के संयोजक अधि. माधवदास ममतानी ने अपनी ओजस्वी वाणी में श्री गुरु गोबिंदसिंघ द्वारा रचित दसम ग्रंथ में से भगवान धन्वंतरि को परमात्मा द्वारा भेजा गया विष्णुजी का सत्रहवां अवतार बताया। ‘आयुर बेद तिन कीयो प्रकासा, जग के रोग करे सब नासा।। ’’अर्थात् भगवान धन्वंतरिजी ने आयुर्वेद का निदान कर उसमें भिन्न-भिन्न रोगों को दूर करने हेतु औषधियां लिखीं। अतः आयुर्वेद परमात्मा द्वारा भेजी गयी श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति है।

इस अवसर पर सांसद कृपालु तुमाने, पूर्व केबिनेट मिनिस्टर डॉ. नितिन राउत, विधायक कृष्णा खोपड़े, पूर्व विधायक डॉ. मिलिंद माने व प्रकाश गजभिये, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज की पूर्व अधिष्ठाता डॉ. लीला अभिचंदानी, मनोरोग तज्ञ डॉ. सुधीर भावे, निमा के डॉ. शांतीदास लुंगे, डॉ. रविन्द्र बोथरा, डॉ. शैलेन्द्र अग्रवाल, डॉ. विनोद गंभीर, पूर्व स्थायी समिती अध्यक्ष वीरेंद्र कुकरेजा, पूर्व नगरसेवक सुरेश जग्यासी, पूर्व नगरसेविका प्रमिला मथरानी, अश्विन मेहाड़िया, अर्जुनदास आहूजा इत्यादि प्रमुख अतिथियों द्वारा स्वास्थ्य वाटिका का ‘‘पंचकर्म विशेषांक‘‘ विमोचित किया गया।

स्वास्थ्य वाटिका की संपादिका डॉ. अंजू ममतानी ने पत्रिका की जानकारी देते हुए बताया कि इस पंचकर्म विशेषांक में वातरोग, त्वक् विकार, मधुमेह, ग्रहणी रोग, आमवात, पी.सी.ओ. एस व स्थूलता में पंचकर्म, स्वस्थ जीवन के लिये वमन-विरेचन कर्म, कॉर्न में अग्नि कर्म, मनोविकार में शिरोधारा, बस्ति चिकित्सा, रक्तमोक्षण, पंचकर्म पयर्टन, स्त्री रोगों में उत्तरबस्ति, पंचकर्म स्वास्थ्य की कुंजी इत्यादि लेखों का विस्तृत विवरण दिया गया है। प्रबंध संपादक डॉ. जी.एम.ममतानी ने बताया कि मात्र 50 रु. में यह पत्रिका समाज के हर वर्ग को आकर्षित कर लाभान्वित कर रही है। यह पत्रिका देश के सभी प्रमुख बुक स्टॉल्स के अलावा स्वास्थ्य वाटिका मे वेबसाइट व प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध है।

मुख्य अतिथी डॉ. नितिन राउत ने कहा गत 17 वर्षों से जीकुमार आरोग्यधाम की ओर से डॉ. ममतानी दंपति द्वारा संपादित स्वास्थ्य वाटिका समाज को स्वास्थ्य व संस्कार देने का उल्लेखनीय कार्य कर रही है। रूग्ण सेवा के माध्यम से सामाजिक स्वास्थ्य का प्रशंसनीय कार्य ममतानी दंपति कर रहे है। प्रकाश गजभिए ने कहा कि सभी धर्मों को साथ में लेकर चलना सही मार्ग हमें संत महापुरूष दर्शाते हैं। सभी धर्म व संप्रदायों को साथ लेकर चलना यही राष्ट्र धारा है। स्वास्थ्य वाटिका स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग बतलाती है। डॉ. लीला अभिचंदानी ने सभी को धन्वन्तरि जयंती व दीपावली की बधाई देते हुए स्वास्थ्य वाटिका की उत्तरोत्तर प्रगति की शुभकामना दी।

कार्यक्रम में सुबह 6 बजे से ही श्रद्धालुओं ने भगवान धन्वंतरिजी की पूजा-अर्चना की । कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी नागरिकों को अल्पोहार व ’’स्वास्थ्य वाटिका’’ पत्रिका प्रदान की गई। जीकुमार आरोग्यधाम के संचालक डॉ. हरकिशन व डॉ. निधी ममतानी ने आगंतुकों का स्वागत व आभार माना। कार्यक्रम का संचालन श्री तुलसी सेतिया ने किया।

कार्यक्रम में सर्वश्री मंहत मोहन ठाकुर, प्रदीप पोहाने, दिनेश यादव, शेषराव गोतमारे, भावना संतोष लोणारे, प्रताप मोटवानी, बंडोपंत टेभूर्णे, डॉ. विंकी रूघवानी, महेश साधवानी, अनिल भारद्वाज, श्रीकांत आगलावे, उमेश प्रधान, प्रीतम मथरानी, गुड्डू केवलरामानी, रमेश वानखेडे, अॅड विनोद लालवानी, किशोर लालवानी, वलीराम सहजरामानी, पी डी केवलरामानी, दौलत कुंगवानी, संजय जयस्वाल, गौतम पाटिल, राजकुमार शर्मा, पुरूषोत्तम रंगलानी, पंजू तोतवानी, अशोक आहूजा, डॉ. रिचा जैन, खेमराज दमाहे, रोहित यादव, पी.टी दारा, मोहन गंगवानी इत्यादि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।

जरीपटका स्थित जीकुमार आरोग्यधाम में निःशुल्क व्यसन मुक्ति व स्त्रीरोग निदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों रूग्णों ने लाभ लिया।

डॉ. जी. एम. ममतानी के अनुसार शिविर में व्यसन मुक्ति या नशा छुड़ाने के लिए आयुर्वेदिक औषधि दी गई। यह औषधि रोगी को बिना बताए सब्जी, दाल इत्यादि में मिलाकर भी दे सकते है। इन औषधियों के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसमें दारू, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू, ड्रग्स, ताड़ी इत्यादि नशा छुड़ाने के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक दवा दी गई। व्यसन मुक्ति में पंचकर्म के प्रभावी परिणाम मिलते हैं। व्यसन छोड़ने के बाद होनेवाली तकलीफें जैसे घबराहट, बेचैनी, नींद न आना, चिड़चिड़ापन, भोजन के प्रति अरूचि, अकारण क्रोध, वजन की कमी आदि में आयुर्वेदिक औषधियों व पंचकर्म के अच्छे परिणाम मिलते हैं।

डॉ. अंजू ममतानी के अनुसार शिविर में स्त्री संबंधी रोग जैसे कष्टार्तव, रक्तप्रदर, श्वेतप्रदर, बंध्यत्व, कमरदर्द, पीसीओडी, ओवेरियन सिस्ट, फायब्राइड, मेनोपॉज़ से जुड़ी समस्याएं, हार्मोन असंतुलन इत्यादि रोगों का निःशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा परामर्श दिया गया।

शिविर में आए हुए रुग्णों को राजस्थान औषधालय, मुंबई की ओर से 5 दिन की औषधि निःशुल्क दी गई। इस शिविर को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला।
व्यसनमुक्ति के लिए जीकुमार आरोग्यधाम, जरीपटका, नागपुर में संपर्क करें। फोन नं. : 0712-2645600, 2646600, 267600, मो. : 937337258

डॉ. ममतानी बने आयुष के अंतर्राष्ट्रीय चेअरपर्सन

नगर के सुप्रसिद्ध आयुर्वेद पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ. गुरमुख ममतानी सिंधी समाज की अंतर्राष्ट्रीय संस्था विश्व सिंधी सेवा संगम के आयुष (आयुर्वेदिक) के अंतर्राष्ट्रीय चेअरपर्सन नियुक्त किए गए। विश्व सिंधी सेवा संगम की शाखाएं भारत देश के सभी राज्यों के अलावा विदेशों के 128 देशों में स्थापित है। विगत दिनों गुरूग्राम में आयोजित वी.एस.एस. एस. (VSSS) के पांचवे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में डॉ.ममतानी को पदोन्नति कर अंतराष्ट्रीय आयुष चेअरपर्सन पद पर मनोनित होने की घोषणा संस्थापक अध्यक्ष श्री गोपाल सजनानी व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजू मनवानी ने की। सम्मेलन में डॉ.ममतानी को कोविड काल में की गई चिकित्सीय सेवाओं हेतु पूर्व केद्रीय मंत्री शहनवाज हुसैन के हस्ते सम्मानित किया गया।

डॉ. ममतानी विगत 32 वर्षों से भारतीय चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार हेतु कार्यरत है, साथ ही स्वास्थ्य वाटिका पत्रिका विगत 17 वर्षों से प्रकाशित कर रहे हैं। इसके अलावा वे अनेक धार्मिक, सामाजिक व चिकित्सीय संस्थाओं से जुड़े है। उनके द्वारा की गई सेवाओं हेतु डॉ. ममतानी को अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है। डॉ. ममतानी श्री कलगीधर मंडल के संयोजक अधि. माधवदास ममतानी के ज्येष्ठ सुपुत्र हैं। आयुष चीफ बनने पर पूर्व पालक मंत्री डॉ. नितिन राउत, विधायक कृष्णा खोपडे, डॉ. मिलिंद माने, श्री प्रताप मोटवानी, वीरेन्द्र कुकरेजा, सुरेश जग्यासी इत्यादि गणमान्य नागरिकों ने बधाई दी।

डॉ. गुरमुख ममतानी को धन्वंतरी सम्मान-2022

नेशनल इन्टीग्रेटेड असोसिएशन, नागपुर शाखा के द्वारा धन्वंतरी जयंती एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर डॉ. गुरमुख ममतानी को “धन्वंतरि सम्मान-2022” से नवाज़ा गया। यह सम्मान उन्हें डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा, डॉ. दीपक जी खिरवड़कर, डॉ. देवानंद जी पंचभाई, निमा अध्यक्ष डॉ.शांतीदास लुंगे के हस्ते शाल, श्रीफल, सम्मान पत्र व स्मृति चिन्ह विगत दिनों प्रदान किया।

डॉ. ममतानी को यह सम्मान आयुर्वेद, वैद्यकीय एंव सामाजिक क्षेत्र में किए गए निःस्पृह सेवाकार्य के फलस्वरूप दिया गया।

डॉ. ममतानी ने सम्मान के लिए निमा का आभार मानते हुए कहा कि आज के युग में आयुर्वेद व एलोपॅथी को मिलकर रूग्ण हित में कार्य व संशोधन करना चाहिए जिससे रूग्ण को अच्छा लाभ मिलेगा व चिकित्सा क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी। कोविड काल में यह साबित हो चुका है।

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