फिज़ियोथेरेपी या फिजिकल थेरेपी एक स्वास्थ्य देखभाल का पेशा है जिसका उद्देश्य आपके शरीर की अधिकतम कार्यक्षमता को विकसित करना, जीवन भर कायम रखना और सुधारना है। यह पद्धति आपके शरीर के सामान्य क्रियाकलाप फिर से बहाल करने और आपको किसी भी बीमारी या चोट से होने वाली अक्षमता से बचाती है।

फिजिकल थेरेपी के कई प्रकार है जैसे 
♥कार्डियोपल्मोनरी (हृदय तथा फेफड़ों संबंधी) 
♥जेरिएट्रिक्स (वृद्धावस्था और उसके रोगों से संबधी चिकित्सा शास्त्र की शाखा) 
♥न्यूरोलॉजिकल (स्नायु या तंत्रिका विज्ञान संबंधी) स्पोर्ट्स (खेल से संबंधी उपचार का तरीका)
♥मैन्युअल (हाथों की सहायता से उपचार)
♥ऑर्थोपॅडिक (हड्डी विज्ञान संबंधी)
♥पीडियाट्रिक्स (बच्चों का उपचार करने की विद्या)

हृदय रोग क्या है ?

हृदय रोग (सीवीडी) रोगों का एक वर्ग है जिसमें हृदय या रक्त वाहिकाएं शामिल होती है। सामान्य सीवीडी में शामिल है –
♥इश्चेमिक हृदय रोग
♥उच्च रक्त चाप से ग्रस्त हृदय रोग
♥आमवाती हृदय रोग
♥कार्डियोमायोपॅथी,
♥जन्मजात हृदय रोग
♥परिधीय धमनी रोग

सीवीडी के लिए जोखिम कारक क्या है ?

निम्नलिखित के साथ जनसंख्या को हृदय रोगों के उच्च रिस्क के लिए जाना जाता है।
♥उच्च रक्तचाप ♥धूम्रपान ♥अत्यधिक शराब का सेवन ♥मधुमेह ♥मोटापा ♥अल्प खुराक ♥उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल ♥व्यायाम की कमी और गतिहीन जीवन शेली 
♥हालांकि यह अनुमान लगाया गया है कि 90% सीवीड़ी को रोका जा सकता है।

कार्डिएक रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम किस प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है ?

जोखिम स्तरीकरण प्रक्रिया के आधार पर चिकित्सा परीक्षा, शारीरिक गतिविधि और व्यायाम के लिए उचित सिफारिशें की जाती है, जो प्रतिभागियों को तीन श्रेणियों में बांटती है।
♥कम जोखिम ♥मध्यम जोखिम ♥भारी जोखिम

एक व्यापक स्वास्थ्य फिटनेस मूल्यांकन में आमतौर पर कार्डिएक रीहैब प्रोगाम की योजना और नुस्खे से पहले निम्नलिखित शामिल होते है।
♥आराम दिल की दर, बीपी, ऊंचाई, वजन,
♥बी एम आई, ई सी जी 
♥कार्डियोरेस्पीरेटरी फिटनेस(यदि आवश्यक हो टीएमटी) स्नायु शक्ति
♥लचीलापन (Flexibility)

कार्डिएक रिहैब के क्या फायदे है ?

हृदय पुनर्वास के लक्ष्य है –
♥व्यक्ति को जल्द से जल्द अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस लाने में मदद करने के लिए
♥दिल के दौरे जैसी हृदय संबंधी घटनाओं के भविष्य के जोखिम को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव और नियमित निगरानी करना।
♥हृदय रोगी के मनोवैज्ञानिक कल्याण में सुधार करने के लिए।
♥इन लक्ष्यों के सफल समापन से समग्र रूप से कई लाभ प्राप्त करने में मदद मिलती है, जैसे
♥कम हृदय संबंधी लक्षण(एन्जाइना, डिस्पनिया, थकान)
♥बेहतर पालन और निवारक दवा
♥व्यायाम प्रदर्शन में वृद्धि
♥जीवन की बेहतर गुणवत्ता
♥मृत्यु दर में 20-30% की कमी

एक एकल व्यायाम सत्र में निम्नलिखित शामिल है –
वार्म अप:- कम से कम 5 से 10 मिनट की कम 40% से मध्यम तीव्रता की हृदय और मांसपेशियों की सहन शक्ति गतिविधियाँ।
स्ट्रेचिंग:- वार्म अप या कूल डाऊन फेज के बाद कम से कम 10 मिनट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें।
कंडिशनिंग:- इस चरण में एरोबिक, प्रतिरोधक या खेल संबंधी व्यायाम शामिल है। 

कूल डाऊन कम से कम 5-10 मिनट(40% से कम) मध्यम (40%-60%) हृदय और मांसपेशियों की सहनशक्ति
गतिविधियों की तीव्रता

हृदय पुनर्वास के रूप में होता है।

♥रोगी पुनर्वास कार्यक्रम आउट पेशेंट व्यायाम कार्यक्रम
♥अस्पताल से बर्खास्त होते ही आउट पेशेंट कार्डियेक रिहैब प्रोग्राम शुरू हो जाना चाहिए।
♥अधिकांश रोगी अस्पताल छोड़ने के 1-2 सप्ताह के भीतर पर्यवेक्षित व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने में सक्षम होते है।

डॉ. सारिका बसंतवानी
फिजियोथेरेपिस्ट, नागपुर

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