आजकल नौजवान कलाकार जो फिल्मों और टी.वी के लोकप्रिय कलाकार थे. उनकी अचानक हार्ट अटैक से मुत्यू की खबरें हम लोग आए- दिन पढ़ सुन रहे हैं और उनकी खासियत ये थी कि वे लोग किसी भी हृदय रोग से पीड़ित नहीं थे। अलबता Fitness freak के चलते बराबर खान-पान और व्यायाम करते थे। तो फिर क्या कारण होंगे जो उनको हार्ट अटैक आया?

आमतौर में लगभग 90% cases में रोगी को पता ही नहीं चलता कि उसके हार्ट में ब्लॉकेज है या दिल में कोई विकार हो रहा है और अचानक उसे हार्ट अटैक आता है और इस समय मरीज को कुछ घंटो के अंदर ही अगर इलाज मिल जाये तो उसकी जान बच सकती है। 

हार्ट की धमनियों में ब्लॉकेज कुछ दिनों में ही नहीं बन जाता है। ये काफी लंबे समय से खराब जीवन शैली अपनाने से धीरे-धीरे धमनियों में चर्बी की परत पर परत चढ़ते जाती है, उसका रास्ता सँकरा होता जाता है और जब अधिक शीतल वातावरण अत्यधिक शारीरिक व्यायाम या मानसिक आघात होता है, तो धमनी अंदर से फटती है वहाँ रक्त में स्थित Clot जमा होकर आगे का रक्तप्रवाह बाधित होता है और उस अवयवों में रक्त न मिलने से वहां की कोशिकाऐं मृत हो जाती है। यह Blockage अक्सर हृदय को पोषण देने वाली Coronary arteries में ज्यादा होता है और रोगी को हार्ट अटैक हो जाता है।

 हमारा शरीर हार्ट अटैक के पहले भी कुछ Alarming Symptoms कुछ संकेत जरूर देता है जो हम पहचान नहीं पाते उन पर ध्यान नहीं देते। हमारा शरीर भी मशीन की भाँति काम करता है। हम देखते है ना कि याने मशीन में कोई खराबी आ रही है तो मशीन का alarm बजने लगता है। उसकी लाल लाईट जलने लगती है। उसी प्रकार हार्ट अटैक आने के पहले हमारा शरीर भी कुछ ऐसे  warning symptoms कुछ चेतावनी कुछ alarm देने लगता है। जिनकी जानकारी हमें हो तो हम उन लक्षणों को हार्ट अटैक आने के पहले ही manage कर लेगें। जिससे भविष्य में होने वाला हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। उसका इलाज वक्त रहते ही कर सकते है। आईए हम देखंेगे कि ऐसे कौन-कौन से लक्षण initial Sign and Symptoms होते है। जिनकी जानकारी होना आवश्यक है।

थकावट:- थोड़े से काम में थकान होना, काम करने की इच्छा न होना।

साँस फूलना:- सीढ़ी चढ़ने में साँस फूलना या तेजी से पैदल चलने से साँस फूलना या थोड़ा भी वजन ले कर पैदल चलने में श्वास भरना। ये श्वास, दमा की बीमारी से अलग होती है। इसमें कफ, खाँसी नहीं होती है।

पैरों में सूजन:- ज्यादा देर खड़े रहने या पैर लटकाकर बैठने से पैरों में सूजन आना ये सूजन दबाने पर गड्ढा छोड़ती है अर्थात piting oedema होना हालांकि और अन्य शारीरिक रोगों में पैरो में सूजन आती है किन्तु इसकी जाँच अपने चिकित्सक से अवश्य करना चाहिए। 

छाती में दर्द होना:- जवान व्यक्ति जिसे कोई बीमारी नहीं है और उसे छाती में दर्द होगा तो अक्सर मसल पेन हुआ है। यह कहकर नजर अंदाज कर दिया जाता है।  chest pain Angina का हैं या मांसपेशी या फेफड़ों के कारण हो रहा है। इसकी जाँच डॉक्टर से अवश्य करवाऐं। अगर हार्ट अटैक से संबंधित chest pain होते है तो ये Exersional होता है। याने चढ़ने, दौड़ने, व्यायाम करने से शुरू हो जाता है और आराम करने पर ठीक हो जाता है। साथ ही छाती में भारीपन चुभन गले तक और पीठ में दर्द जा सकता है। आमतौर पर आराम करने से दर्द में राहत के चलते ही ये anginal pain नजर अंदाज किया जाता है। जो आगे चलकर हार्ट अटैक में परिवर्तन हो जाता है।

हृदय की धड़कन का कभी-कभी अनियंत्रित होना ।, घबराहट व चक्कर, ज्यादा पसीना आना 
ये कुछ शुरूआती लक्षण है जिनको वक्त रहते ही जान लेना और चिकित्सक के परामर्श के अनुसार औषधि, आहार-विहार-आचार इन चारों का सम्यक् रूप से पालन करेंगे तो भविष्य कालीन हार्ट अटैक से न केवल बचा जा सकेगा अपितु एक स्वस्थ हृदय के साथ स्वस्थ जीवन जी पाएंगे। 

डॉ. संगीता जैन गुप्ता
(M.D.)
प्रोफेसर - काय चिकित्सा, ज्यूपिटर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, नागपुर

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