सब्जियों में एक विशेष सब्जी है लौकी जो कि अत्यंत गुणकारी होते हुए भी सस्ती और सर्वत्र उपलब्ध होने वाली सब्जी है। लौकी दरअसल लता (बेल) में लगने वाला एक फल है। लौकी में दूध के सभी गुण उपस्थित रहते है। इसकी तुलना मां के दूध से की जाती है। रसोईघर के अलावा औषधि रूप में भी लौकी का उपयोग होता है क्योंकि यह औषधि गुणों की खान है।
लेटिन नाम – लेजिनेरिया सिकेरेरिया
प्रकृति – ठंडी और तर। इसे लोग कद्दू या घिया के नाम से जानते हैं। यह मस्तिष्क की गर्मी दूर करती है। इसे छिलके सहित खाना लाभदायी है। लौकी ठंडी, रूखी होती है।
100 ग्राम लौकी में अनुमानित खाद्य तत्व – पानी 96.01 ग्राम, प्रोटीन 0.2 ग्राम, वसा 0.1 ग्राम, रेशा 0.6 ग्राम
लौकी के औषधीय प्रयोग
बिच्छू काटना – जिस स्थान पर बिच्छू ने काटा है उस स्थान पर लौकी पीसकर लेप लगाएं तथा लौकी का रस पिलाएं इससे बिच्छू का जहर उतर जाता है।
दस्त – लौकी के रायते का सेवन करने से लाभ होता है।
किडनी का दर्द – लौकी के टुकड़े को गर्म करके दर्द वाले स्थान पर मालिश व लौकी को पीसकर लेप करने से आराम मिलता है।
पैर के तलवों की जलन – लौकी को काटकर इसका गूदा पैर के तलवों पर मलने से गर्मी, जलन, भभका दूर होता है।
दांत दर्द – लौकी या घीया 75 ग्राम, लहसुन, 20 ग्राम दोनों को 1 लीटर पानी में उबालने के बाद पानी आधा होने पर उसे छानकर कुल्ला करें।
पीलिया – धीमी आग में लौकी का भुर्ता बनाकर इसका रस निचोड़कर थोड़ी मिश्री मिलाकर पीएं। लीवर की बीमारी और पीलिया में लाभकारी है।
बवासीर – लौकी के पत्तों को पीसकर लेप करने से कुछ दिनों में बवासीर नष्ट हो जाता है।
हायब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्राल – 150-200 ग्राम लौकी को बीज सहित पीसकर उसका रस निकाल लें। इसमें लहसुन 2-3 कली, 5-6 तुलसी व पुदीना की पत्तियां मिलाएं। तैयार रस में उतनी ही मात्रा में पानी डालें। थोड़ा सेंधा नमक, काली मिर्च का पावडर मिलाएं। कई लोगों की ओपन हार्ट सर्जरी भी इस नुस्खे से टल गई हैं।
अनिद्रा – अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति को सोने से पहले लौकी के बीज के तेल से सिर और तलवे की मालिश करने पर नींद अच्छी आती है।
बुखार – पैरों के तलवे पर पानी का छीटा मारते हुए लौकी का गुदा घिसने से बुखार कम हो जाता है। इसे घिसकर इसका लेप कपाल पर लगाने से सिरदर्द दूर होता है।
टी. बी. – लौकी का रस नियमित रूप से सेवन करने पर टीबी. रोग दूर होता है और शरीर को शक्ति प्राप्त होती है। और हायपर कोलेस्ट्राल में लौकी के रस का सेवन अमृत का काम करता है। चाहे किसी भी पैथी की औषधि हो इस लौकी के रस का सेवन व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ देता है।
लौकी के रस की विधी
150 से 200 ग्राम लौकी को छिलके सहित कदू कस कर लें या उसके छोटे-छोटे टुकड़े बनाकर मिक्सर या फूड प्रोसेसर में डालकर उसका रस निकाले। रस निकालते
समय उसमें 5-7 तुलसी व पुदीने के पत्ते डालें। इस रस को छानकर उसमें समान मात्रा में पानी मिलाएं और ऊपर से सेंधा नमक व काली मिर्च रूचिनुसार डालें। इस रस को नाश्ते के समय ले सकते है। ज्यादा से ज्यादा दिन में 3 बार रस का सेवन कर सकते हैं।
इसका प्रभाव कम से कम 3 माह तक लेने के बाद ही आता है परंतु 6 माह से 2 साल तक इसका नियमित सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा हाय ब्लडप्रेशर, एंजाइना (हृदय का दर्द) में भी यह रस अत्यंत लाभकारी है।
लौकी की हृदय रोग पर निम्न प्रकार से क्रिया होती है-
* लौकी रक्त की अम्लता को कम करती है।
* लौकी के रस का नियमित सेवन हृदय की स्नायु को मजबूती प्रदान करके उनमें सक्रियता व सहजता लाता है।
* हृदय के आसपास के प्रवाही आवरण (च्मतपबंतकपंस सिनपक) की अम्लता को कम कर उसका पी. एच. बढ़ाकर हृदय को विश्राम देता है।
* रक्त में योग्य परिवर्तन कर हृदय को लाभ पहुंचाता है।
लौकी का रस लेने वालों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं इस प्रकार है-
1. लौकी कड़वी न हो ये चखकर देखे।
2. खाने में खट्टी चीजों का सेवन कम करें, बंद न करें।
3. हर बार ताजा रस लेना चाहिए।
4. रस निकालकर फ्रीज में घंटों तक न रखें।
5. इसका सेवन खाने के आधा घंटा बाद या साथ में करें।
6. रोजाना नियमित रूप से पैदल चलना चाहिए।
7. धीरे-धीरे प्रमाण बढ़ाकर पांच किलोमीटर तक चलें।
8. चलते समय जहां पर तकलीफ महसूस हो, रूक जाएं।
9. आपके डॉक्टर द्वारा बताई हुई सारी दवाएं चालू रख कर उसके अलावा रस सेवन करें।
10. महीना-दो महीने में डॉक्टर से परिक्षण करवाएं।
11. यह रस पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति भी प्रिकॉशन के तौर पर ले सकता है (खास कर 40 उम्र के आगे)।
इस तरह मीठी लौकी केवल सब्जी व फल ही नहीं बल्कि इसके अनेक उपयोग हैं जैसे लौकी का सेवन रूचिकर, वीर्यवर्द्धक, हृदय के लिए हितकर, पित्त व कफ दोषनाशक एवं धातुओं की पुष्टि करता है। इतना ही नहीं लौकी शरीर को तरावट देने वाली, पेट के लिए हितकारी, बलदायक, पाचन क्रिया ठीक करने वाली, वीर्य वर्धक, उदर की उष्णता कम करने वाली, रेचक, कब्ज नाशक, गर्भवती स्त्री के लिए पोषक व शांति देने वाली, लौकी की सब्जी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। एक गिलास लौकी का रस रोजाना पीने से मधुमेह, एसिडिटी, हाय ब्लडप्रेशर और हृदय रोगों में लाभ मिलता हैं।
अतः इस अमृत स्वरूप लौकी के रस को तंदुरूस्त व रोगी छोटा-बड़ा कोई भी ले सकता है। एक बार प्रारंभ करने के पश्चात इसको लगातार लेना लाभकारी है पर यदि किसी
दिन नहीं लिया तो नुकसान होने का कोई डर नहीं है।