शरीर में दर्द हमारी जिंदगी का एक ऐसा अटूट हिस्सा सा बन गया है कि हम कभी भी उसे गंभीरता से नहीं लेते । अधिकांश मामलों में यह हल्का और खुद ही ठीक हो जाने वाला होता है, लेकिन कुछ में यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत भी हो सकता है । शारीरिक दर्द के कई बीमारियों, परिस्थितियों से जुड़ाव के कारण दर्द की असली वजह खोजना एक डॉक्टर के लिए भी एक चुनौती का ही विषय होता है ।
अगर शरीर में दर्द तीन दिन से ज्यादा कायम रहे और इसके साथ जोड़ों में सूजन, वजन में कमी या बुखार भी देखने को मिले । चलने में दिक्कत, ज्यादा देर खड़े रहने पर शरीर में दर्द, खून की कमी हो तो डाॅक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए । कुछ तनाव पूर्ण परिस्थितियां शरीर में दर्द की वजह हो सकती हैं ।
शरीर में दर्द जाइन्टस् व स्पाइन की विकृति के फलस्वरूप भी होता है । आजकल जाइन्ट्स व स्पाइन संबंधी रोग बहुतायत से हो रहे हैं । इसका कारण हमारी अव्यवस्थित जीवनशैली है । युवा वर्ग भी Joint & Spine रोग से जूझ रहा है । कैल्शियम व विटामिन डी की कमी भी आम तौर से रूग्णों में पाई जा रही है, साथ ही विटामिन बी12 की कमी भी शरीर में दर्द का कारण बन सकती है ।
दर्द से परेशान अनेक लोगों में आर्थराइटिस पाया गया है जिसे हम वात व्याधि के अंतर्गत मानते है । संधिवात, गठियावात, गाउट, स्पाण्डलाइटिस, साइटिका ऐसे अनेक Joint & Spine संबंधी रोग है जिसका इस पत्रिका में विस्तृत वर्णन दिया गया है । आयुर्वेदिक औषधि, फिजियोथेरेपी, योगाभ्यास के साथ पंचकर्म का भी इन रोगों को दूर करने में अहम योगदान है । इन रोगों से संबंधित जानकारी आज के समय की मांग है । अभी हाल ही में फैला वायरल रोग चिकुन गुनिया से प्रभावित जोड़ों के दर्द से काफी लोग परेशान है। आयुर्वेद में इसका सटीक उपचार है । चिकुन गुनिया का लेख भी इस पत्रिका में वर्णित है ।
वात व्याधि से परिपूर्ण पत्रिका “Spine & Joint Care Special” आपके समक्ष है। इसे पढ़कर आप भी लाभान्वित हो व अन्य को भी इस जानकारी से लाभान्वित कराएं । हमारा विनम्र प्रयास रहा है कि इस विषय से संबंधित छोटे से छोटे पहलू को समाविष्ट कर आप तक पहुंचाया जाए । इस कोशिश में हम कहां तक सफल हुए हैं इस बात से कृपया हमें अवगत कराएं । आपके सुझाव हमारे लिए बहुमूल्य है । दीपावली व नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ….