जीकुमार आरोग्यधाम में विगत 34 वर्षों से हॉस्पीटल स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा हैं। यहां अनेक असाध्य रोगों से ग्रस्त रूग्ण आते है। जिन्हें ऑपरेशन के लिए बताया गया वे बिना ऑपरेशन के ठीक हुए है। इनमें से कई रूग्ण है जिन्हें लाभान्वित रूग्णों ने यहां की जानकारी दी और कुछ ऐसे रुग्ण है जिन्हें यहां पहले आराम हुआ है पुनः दूसरी तकलीफ होने पर वे सीधा यहां उपचार के लिए आए हैं। इस प्रकार का अट्टू विश्वास है रूग्णों का जीकुमार आरोग्यधाम पर। उनमें से कुछ ऐसे रूग्ण जो हाल ही में यहां से लाभान्वित हुए हैं, ऐसे रूग्णों की कहानी जानिए उनकी जुबानी –

लंबर स्पाण्डीलोसिस, घुटने का संधिवात
बिना ऑपरेशन से हुआ आराम
nirmala gajbhiye

जरीपटका स्थित जीकुमार आरोग्यधाम से लाभान्वित वृद्ध रूग्णा सौ. निर्मला गजभिये, मानकापुर निवासी हॉस्पीटल में 2023 में आई थी। उन्हें लंबर स्पाण्डीलोसिस, घुटने का संधिवात (OA) व लकवे का भी आघात हुआ था। जब वे हमारे आरोग्यधाम में आई तब उन्हें घुटने व कमर में तीव्र वेदना थी। उठने, बैठने, सोने, पलटने में काफी तकलीफ थी। उन्हें दो लोग उठाने को लगते थे। बड़ी मुश्किल से हॉस्पीटल पहुंची। इसके पहले कई आर्थोपैडिक सर्जन ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी थी। ऑपरेशन के लिए रूग्णा सहमत नहीं थी क्योंकि उनकी सहेली को ऑपरेशन करने के बाद भी आराम नहीं हुआ था। अतः वे ऑपरेशन के नाम से डर गई थी। उन्हें उनके परिचित ने जीकुमार आरोग्यधाम की जानकारी दी। हॉस्पीटल में उन्हें आयुर्वेदिक औषधि से ही बहुत आराम मिला। वह रूग्णा यहां के उपचार से काफी संतुष्ट है। उन्हें चलने-फिरने में तकलीफ नहीं होती है। अब स्वयं के काम खुद करती है। घुटने, कमर का दर्द काफी हद तक कम हो गया है। अब वे स्वयं चलकर आती है। बिना ऑपरेशन के केवल औषधि से ही उन्हें आराम मिला है। कुछ महीने और उपचार करने से वे पूर्णतः स्वस्थ हो जाएगी ऐसा विश्वास है।

ऐसे अनेक वात व स्पाइन रोग से ग्रस्त रूग्ण ऑपरेशन के बाद भी पूर्ण समाधान नहीं पाते हैं, उन्हें जीकुमार आरोग्यधाम में उपलब्ध चिकित्सा उपक्रम से लाभ होता हैं।

स्पाइन वातरोग से ग्रस्त मीना सोनी की
परेशानी उनकी जुबानी
meena soni

मैं मीना दुर्गाप्रसाद सोनी, सन 2022 में डॉ. ममतानी के जीकुमार आरोग्यधाम में आई। मुझे गर्दन से लेकर कमर व पैरों तक अकड़न-जकड़न बहुत दर्द था। मेरे शरीर की एक-एक नस में दर्द व चलने फिरने में असमर्थ थी। दूसरों के सहारे से पकड़कर चलती थी, तब मुझे मेरे पतिदेव जीकुमार आरोग्यधाम लेकर आए। 8 वर्ष पूर्व उनका भी यहां सफल इलाज हो चुका था। डॉ. ममतानी ने मेरा Lumber-cervical Spondylitis तथा Lumber canal stenosis का निदान किया। मुझे वहां 10 दिन भर्ती कर आयुर्वेदिक उपचार शुरू किया गया। मुझे 1 माह में ही आराम होने लगा। एक साल के करीब हुआ है, मेरा इलाज चालू है और मेरा बिना किसी सहारे चलना फिरना चालू है। बीमारी से मेरा वजन भी बहुत कम हो गया था। जीवन से निराश हो चुकी थी। अब मेरा वजन भी बढ़ गया है, शरीर में चुस्ती फुर्ती भी आ गई है। अभी मुझे 60 प्रतिशत आराम मिला है। जहां मुझे बचने की भी उम्मीद नहीं थी वहीं मुझे इतना आराम हुआ। अतः मैं आप सबसे निवेदन करती हूं कि कहीं भी आप ठीक न हो तो एक बार अवश्य जीकुमार आरोग्यधाम में आकर इलाज कराएं। यहां हर प्रकार की बिमारी का इलाज होता है। सभी प्रकार के वातरोग का इलाज यहां विशेष रूप से होता है। आयुर्वेदिक औषधि, पंचकर्म, फिजियोथेरापी व योगोपचार के द्वारा यहां इलाज होता है।

The problems of Meena Soni, suffering from spine arthritis, in her own words

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